इलायची (Elaichi) | Cardamom
रसोईघर से
(इलायची (Elaichi) – Cardamom ‘चातुर्जात’ के चार द्रव्यों में से एक द्रव्य है जिसे खाद्य व्यंजनों को सुगन्धित करने एवं शीतलता एवं मधुरता प्रदान करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
स्वागत सत्कार करने अथवा पान में डालकर खाने में इसका प्रयोग किया जाता है।)
भाव प्रकाश निघण्टु में लिखा है
रसे तु कटुका शीता लघ्वी वातहरी मता ।
एला सूक्ष्मा कफश्वासकासार्शो मूत्रकृच्छहृत।।
भाषा भेद से नाम भेद सं. सूक्ष्मैला (Sukshmaila) । हिं. – छोटी इलायची (Elaichi) । म.वेलची(Velchi) । गु. एलची (Elachi)। बं. – छोट एलाच (Elach)। ते. – एलाकु (Elaku) ।
ता. येलाक्क । कन्न. – येलाक्कि । मल. – येलम् । फा. – हैल हिल। इं. – कार्डेमम। लै. – एलेटेरिया कार्डेमम ।
गुण इलायची छोटी व बड़ी दो प्रकार की होती है। छोटी इलायची रस में चरपरी, शीतल हल्की और वात कफ़ श्वास खांसी बवासीर और मूत्रकष्ट व रुकावट दूर करने वाली है ।
बड़ी इलायची पाक होने पर रस में चरपरी, वातकारक, हल्की रूखी और गरम है तथा कफ़ पित्त रक्तविकार खुजली श्वास तृषा मूत्राशय के रोग शिरोरोग वमन और खांसी आदि नष्ट करती है।
परिचय यह छोटी व बड़ी दो प्रकार की होती है और ज्यादातर छोटी इलायची का प्रयोग ही किया जाता है।
औषधि के रूप में इसका प्रयोग दस्तावर नुस्खे में करने से पेट में दर्द होने या पेट फूलने की आशंका नहीं रहती। खाद्य व्यंजनों में इसका स्वाद और सुगन्ध के लिए किया जाता है ।
उपयोग यह मुख शोधन और दुर्गन्ध नाशन, प्यास शमन रोचन, दीपन, पाचन और अनुलोमन कार्य के लिए उपयोगी है।
इसके दानों, को महीन पीस कर सूंघने से छींकें आकर सिर की पीड़ा दूर होती है।
वर्षा ऋतु की बीमारियां और घरेलू उपचार
केले का अजीर्ण दूर करने के लिए एक इलायची खा लेना काफ़ी है।
इसके २० ग्राम छिल्के आधा लिटर पानी में उबाल करें। चौथाई जल शेष बचे तब ठण्डा चम्मच विसूचिका (हैजा) के रोगी को पिलाने से होता है।
नकसीर फूटने पर नाक में से खून है, इस स्थिति में इलायची के अर्क की २-३ बूंदे बताशे में डालकर २-२ घण्टे से खिलाने पर नकसीर ठीक होता है।
ककड़ी के बीज और इलायची के दाने – सम मात्रा में मिलाकर ५-१० ग्राम मात्रा में खूब चबा कर खाने या दूध में घोंट छान कर पीने से पथरी, मूत्रदाह और मूत्रावरोध में लाभ होता है।
एसिडिटी होने पर कच्चे दूध पानी की लस्सी में इलायची घोंट पीसकर प्रतिदिन प्रातः कोरे पेट पीने से लाभ होता है।
गर्मी से सिर चढ़ने, दुखने और भारी होने पर इलायची के दाने पानी में पीस कर माथे पर लेप करने और इसका चूर्ण सूंघने से आराम होता है।
This Post Has 3 Comments
Pingback: कबीट (Kabeet) | 1 गुणकारी फल | RC Veda - RcVeda
Pingback: कबीट (Kabeet) | 1 गुणकारी फल – Ayurveda Baba
Pingback: Tulsi In Hindi | तुलसी के 10 चमत्कारी प्रयोग | Ayurveda Baba